RTI दिवस विशेष - RTI के 10 वर्ष पर कार्यकर्ता हुए एकजुट

शम्भू मित्तल जमशेदपुर। सूचनाधिकार के 10 वे वर्षगाँठ पर सूचनाधिकार रक्षा मंच द्वारा झारखंड राजभवन के सामने एक धरना प्रदर्शन कार्यक्रम  किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य RTI कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचार ,झूठे मुक़दमे और जानलेवा हमला का विरोध करना तथा लोगो को इसके बारे में जानकारी देना था। सूचनाधिकार अधिनियम वर्ष 2005 में 12 अक्टूबर को लागु हुआ था,सरकारी नीतियों और प्रगतियों में पारदर्शिता लाने हेतु। परन्तु आज के समय में जो हाल है सुचना अधिकार  कार्यकर्ताओं का इससे साफ़ ज़ाहिर है की सरकार द्वारा इस अधिनियम को पूर्ण रूप से हटाना और निरस्त करना चाहती है,जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण हमारे जमशेदपुर के RTI कार्यकर्ता श्री सुभाष मित्तल पर हुए झूठे मुक़दमे और जानलेवा हमला होना है। उनका कसूर सिर्फ इतना था की उन्होंने भ्रस्टाचार का पुरजोर विरोध किया था तथा दूसरा उदाहरण हमारे लातेहार के श्री रविकांत पासवान जी का ह
है और उनका भी हाल श्री मित्तल के जैसा ही किया गया । परन्तु अब सारे RTI कार्यकर्ता एकजुट हो चुके है तथा वो अब शांत नहीं बैठेंगे। सूचनाधिकार रक्षा मंच द्वारा किया गया यह प्रदर्शन पुरे देश के इतिहास में पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में RTI कार्यकर्ताओं द्वारा राजभवन में प्रदर्शन किया गया और एक चेतावनी है इस भ्रस्ट शासन प्रणाली को की यदि वे अब भी होश में नहीं आये तो सूचनाधिकार रक्षा मंच चुप नहीं बैठेगा और इसके लिए कड़े कदम उठाने को बाध्य होगा यह कहना है मंच के संयाजक श्री राजेश मिश्रा जी का । इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पुरे राज्य से RTI कार्यकर्ताओं का विशेष योगदान रहा। जिसमे लातेहार,गुमला,दुमका,जमशेदपुर,लोहरदगा आदि सभी जगहों के RTI कार्यकर्ताओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया
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