आरटीआई में खुलासा, महाराष्‍ट्र में डांस ग्रुप को दे दिया किसानों के हक का पैसा

चित्र गूगल से साभार 
मुंबई।  पिछले महीनों अपने मंत्रियों के घोटाले में फंसे होने के आरोप झेल चुके महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी अब सूखा राहत कोष के धन के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार एक आरटीआई के माध्‍यम से दावा किया गया है कि राहत कोष से 8 लाख रुपये खर्च कर एक डांस ग्रुप को थायलैंड और बैंकॉक जाने के लिए मदद की गई है।
आरटीआई एक्टिविस्‍ट अनिल गलगली द्वारा दर्ज की गई एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुख्‍यमंत्री ने देवेंद्र फडणवीस ने सरकारी कर्मचारियों के एक डांस ग्रुप को इन देशों में डांस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए 8 लाख रुपये की मदद की है। मुख्‍यमंत्री ने यह राशि स्वीकृत की थी जिसे बाद में सचिवालय जीमखाना ट्रांसफर किया गया था।
मालूम हो कि 1967 में चैरिटी कमिश्‍नर के पास रजिस्‍टर हुए मुख्‍यमंत्री राहत कोष का उपयोग केवल उन्‍हीं लोगों की मदद के लिए किया जा सकता है जो प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्‍त हैं। सूखे से जूझ रहे राज्‍य में जहां अब तक किसानों की आत्‍महत्‍या का आंकड़ा 660 तक पहुंच चुका है वहीं स्‍पेशल केस में इस कोष से पैसा दिया गया है।
खबर के अनुसार आरटीआई में गलगली ने सचिवालय जीमखाना को दी गई सहायता की जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में राहत कोष के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि ग्रुप को 8 लाख रुपये विशेष फंड से दिए गए हैं। जीमखाना ने 15 सदस्‍यों के डांस ग्रुप को 26-30 दिसंबर के बीच बैंकॉक में होने वाली प्रतियोगिता के लिए मदद मांगी थी।
गलगली का दावा है कि मुख्‍यमंत्री के सामने मदद के लिए एप्‍ि‍लकेशन 27 अगस्‍त को रखी गई जिसे उन्‍होंने स्‍पेशल केस बताते हुए जीमखाना भेजी थी और 8 लाख रुपये स्‍वीकृत करने के आदेश दिए थे। इसके बाद 11 सितंबर को पैसा सचिवालय जीमखाना को ट्रांसफर हुआ था। इस मदद को स्‍वीकृत करने के एक हफ्ते पहले ही मराठवाड़ा के 32 किसानों ने मौत को गले लगा लिया था।
गलगली ने मांग की है कि मुख्‍यमंत्री तुरंत इस फंड को वापस लें और उनक जरूरतमंद किसानों को दें जो सूखे से जूझ रहे हैं। इस खुलासे के बाद भाजपा मुख्‍यमंत्री के बचाव में उतर आई है। भाजपा नेता शायना एनसी के अनुसार अगर कोई आरोप हैं तो सार्वजनिक करें हम जवाब देंगे। एक इमानदार मुख्‍यमंत्री पर इस तरह के अरोप दुर्भाग्‍यपूर्ण है।
                                                       साभार: नई दुनिया 
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