दिल्ली सरकार ने 18 रुपए खरीद कर 40 रुपए में बेचे प्याज
नई दिल्ली। हमेशा खुद का पाक और भ्रष्टाचार से लड़ने वाला बाताने बाले अरविंद केजरीवाल और उनके विधायकों पर प्याज घोटाले के आरोप लगे हैं। हाल ही में एक आरटीआई के माध्यम से हुए खुलासे में पता लगा है कि केजरीवाल सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते जो 40 रुपए किलो प्याज बेचे थे उनकी खरीद कीमत महज 18 रुपए प्रति किलो थी।
यह खुलासा होने के बाद सियासी गलियारों में भूचाल मच गया और विरोधियों ने केजरीवाल पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। दरअसल केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि दिल्ली में प्याज कम दामों में बेचे जाएंगे।
नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नफेड) ने आरोप लगाया है कि खरीद और बेचने की कीमतों के बीच इतना बड़ा अंतर था। एक आरटीआई के माध्यम से यह बात सामने आई है कि दिल्ली सरकार ने 2637 टन प्याज 18 रुपये प्रति किलो की कीमत पर नासिक की स्माल फार्मर एग्री-बिजनेस कोन्सोट्रीयम से खरीदा था।
सरकार ने 14-20 रुपये की कीमत पर प्याज खरीदा जिसकी औसत कीमत 18 रुपये प्रति किलो होती है। वहीं बाजार में इसे 40 रुपए में 10 रुपये की सब्सिडी के साथ बेचा गया। खुलासे के बाद केजरीवाल सरकार ने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि अगर इसमें कोई गड़बड़ है तो वो केंद्र सरकार एजेंसियों की तरफ से है।
प्याज की असल खरीद कीमत 32.86 रुपये है जिसमें लेबर के अलावा ट्रांसपोर्ट का खर्च भी शामिल है। आप सरकार ने इसमें 10 रुपए की सब्सिडी देते हुए इसे 30 रुपए प्रति किलो पर ही बेचा। इस खुलासे के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी ने जहां पूछा है कि बचे हुए पैसे कहा गए वहीं कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
यह खुलासा होने के बाद सियासी गलियारों में भूचाल मच गया और विरोधियों ने केजरीवाल पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। दरअसल केजरीवाल सरकार ने वादा किया था कि दिल्ली में प्याज कम दामों में बेचे जाएंगे।
नेशनल एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नफेड) ने आरोप लगाया है कि खरीद और बेचने की कीमतों के बीच इतना बड़ा अंतर था। एक आरटीआई के माध्यम से यह बात सामने आई है कि दिल्ली सरकार ने 2637 टन प्याज 18 रुपये प्रति किलो की कीमत पर नासिक की स्माल फार्मर एग्री-बिजनेस कोन्सोट्रीयम से खरीदा था।
सरकार ने 14-20 रुपये की कीमत पर प्याज खरीदा जिसकी औसत कीमत 18 रुपये प्रति किलो होती है। वहीं बाजार में इसे 40 रुपए में 10 रुपये की सब्सिडी के साथ बेचा गया। खुलासे के बाद केजरीवाल सरकार ने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि अगर इसमें कोई गड़बड़ है तो वो केंद्र सरकार एजेंसियों की तरफ से है।
प्याज की असल खरीद कीमत 32.86 रुपये है जिसमें लेबर के अलावा ट्रांसपोर्ट का खर्च भी शामिल है। आप सरकार ने इसमें 10 रुपए की सब्सिडी देते हुए इसे 30 रुपए प्रति किलो पर ही बेचा। इस खुलासे के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा है। बीजेपी ने जहां पूछा है कि बचे हुए पैसे कहा गए वहीं कांग्रेस ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
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