आप विधायक तोमर की डिग्री के बाद आरटीआई का जवाब भी फर्जी

फैजाबाद। पहले नकली डिग्री और अब फर्जी आरटीआई। यह हाल है दिल्ली के पूर्व मंत्री व आप नेता जितेंद्र सिह तोमर का। दिल्ली पुलिस के पास तोमर की आरटीआई से प्राप्त सूचना है, जिसमें साकेत महाविद्यालय की ओर से यह कहा गया था कि वह महाविद्यालय के छात्र रहे और उन्होंने वर्ष 1988 में यहां से बीएससी की पढ़ाई की। तोमर ने इसे ही बचाव में पेश किया था। दिल्ली पुलिस की जांच में साकेत महाविद्यालय प्रशासन ने इसे भी फर्जी करार दिया है।
साकेत महाविद्यालय से दीपक वोहरा नाम के व्यक्ति ने आरटीआई के तहत 13 फरवरी को जितेंद्र सिंह तोमर के बारे जानकारियां मांगी थीं। कमाल की बात तो यह है कि आरटीआई मांगने वाले ने तय तिथि तक भी इंतजार नहीं किया। चंद रोज बाद ही 17 फरवरी को ही आरटीआई का पहला रिमांइडर भेजा, फिर 14 मार्च को दूसरा।
महाविद्यालय की ओर से इसका जवाब एक अप्रैल को दिया गया, जिसमें यह साफ कहा गया था कि तोमर साकेत महाविद्यालय के छात्र कभी नहीं रहे हैं। जबकि तोमर ने अपने बचाव में कॉलेज से प्राप्त आरटीआई का जो जवाब प्रस्तुत किया है उसमें उन्हें महाविद्यालय का छात्र होने की तस्दीक की गई है।
सूत्रों के मुताबिक तोमर की ओर से अपने बचाव में दिखाई गए आरटीआई के जवाब पर प्राचार्य के हस्ताक्षर डॉक्टर लिखकर किए गए हैं जबकि आमतौर पर हस्ताक्षर में सिर्फ नाम का प्रयोग किया जाता है, उपाधि का नहीं। प्राचार्य की मुहर के फॉन्ट में भी भिन्नता पाई गई है। खुद प्राचार्य डॉ. एसएन दुबे ने इस गड़बड़ी की पुष्टि की। सूत्र बताते हैं दिल्ली पुलिस ने कॉलेज के कुछ पूर्व कर्मचारियों के बारे में भी जानकारी हासिल की है।
                                   स्रोत: नई दुनिया
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